tag:blogger.com,1999:blog-2733979691500639366.post6409666389453643907..comments2023-05-22T19:04:35.805+05:30Comments on मेरी साधना: आज का इंसानड़ा प्रीत अरोड़ाhttp://www.blogger.com/profile/02378508400858221695noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-2733979691500639366.post-50976797782431453422011-04-21T11:05:27.764+05:302011-04-21T11:05:27.764+05:30जीवन की सच्चाई ब्यान करती है यह कविता
खुद की कर ...जीवन की सच्चाई ब्यान करती है यह कविता <br /> खुद की कर लेता पहचान<br />पश्चाताप के आँसू पीता<br />खो गया आदर-सम्मान<br />यही है आज का इंसान<br />बहुत बड़ी बात कही है इस कविता में ...<br />काश हम अपने आपको पहचान पाते !<br />हरदीपShabad shabad https://www.blogger.com/profile/09078423307831456810noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2733979691500639366.post-22811972471707684622011-04-19T20:30:49.529+05:302011-04-19T20:30:49.529+05:30खुद की कर लेता पहचान
पश्चाताप के आँसू पीता
खो गया ...खुद की कर लेता पहचान<br />पश्चाताप के आँसू पीता<br />खो गया आदर-सम्मान<br />यही है आज का इंसान<br />यही है आज का इंसान<br />bahut sender likha hai<br />likhti rahoमेरा साहित्यhttps://www.blogger.com/profile/09177331730604295287noreply@blogger.com