Thursday, 21 June 2012

नव -चेतना

आओं मिलजुल कर जीवन खुशहाल बनाये
समस्याओ का निदान कर नवचेतना जगाये
यथार्थ के धरातल पर पैर जमाये
आत्म- सयंत कर स्वयं को मजबूत बनाये
आंतकवाद ,भ्रष्टाचार से लड़ समाज को स्वस्थ बनाये
गौतम गाँधी के मार्ग पर चलकर
मातृ-भूमि को स्वर्ग बनाये
दहेज़ प्रथा ,भ्रूण हत्या जैसी कुरीतियों को जड़ से मिटाएं
आज के बच्चे कल के नेताओं का
जीवन सफल बनाये
सादा जीवन उच्च विचार
ऐसा आदर्श अपनाये
सत्यम शिवम् सुन्दरम का पंचम लहराए
नव जागरण का गीत गाये
वैर -विरोध की भाषा भुलाकर
प्रेम प्यार का बिगुल बजाये
आओ मिल जुल कर जीवन खुशहाल बनाये

9 comments:

  1. This comment has been removed by the author.

    ReplyDelete
  2. esi rachnaen vastav mein aaj samay ki jaroorat hain aur jaroorat hai aap jese chetna jgane wale writers ki

    ReplyDelete
  3. प्रेम प्यार का बिगुल बजाये
    आओ मिल जुल कर जीवन खुशहाल बनाये.........bahut badhiya

    ReplyDelete
  4. kavya rachna roopi mala me prem aur pyar roopi moti piroker sunder sandesh deti ek bhoot hi khoobsoorat kavita.samai ki yhi pukar hai.mangalkamnaen.

    ReplyDelete
  5. बहुत पसन्द आया
    हमें भी पढवाने के लिये हार्दिक धन्यवाद
    बहुत देर से पहुँच पाया ....माफी चाहता हूँ..

    ReplyDelete