Sunday, 8 April 2012

नारी सशक्तीकरण विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन

नजीबाबाद। नारी सशक्तीकरण विषय को लेकर परिलेख प्रकाशन एवं मनमीत की ओर से विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया । जिसका सफलतापूर्वक संचालन करते हुए माला कौशिक ने महिलाओं की स्थिति पर अपने विचार भी रखे ।
कोतवाली मार्ग पर स्थित परिलेख प्रकाशन और मनमीत के प्रांगण में नारी सशक्तीकरण पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया । जिसमें नगर की प्रतिष्ठित महिलाओं ने अपने आजस्वी विचार रखे। इसके अतिरिक्त देश के अन्य राज्यों बिहार, मध्यप्रदेश, असम, चण्डीगढ़ आदि से भी महिलाओं ने मोबाइल के माध्यम से अपने विचार रखे। इसी कार्यक्रम में मनमीत और परिलेख परिवार ने यह घोषणा की कि हम स्त्री और पुरुष का भेद मिटाने के लिये सर्वप्रथम यह कार्य करेंगे कि महिला के नाम से पहले श्रीमति के स्थान पर श्री शब्द का प्रयोग करेंगे। आजमगढ़ से मोबाइल पर अपने वक्तव्य में अरविन्द सिंह ने कहा- “ जब तक हम व्यवहारिक रूप से महिलाओं को बराबरी का सम्मान नहीं देंगे तब तक नारी सशक्तीकरण मात्र आयोजनों तक ही सीमित रह जायेगा, इसीलिये महिलाओं के नाम से पूर्व श्रीमति के स्थान पर श्री शब्द का प्रयोग ही उचित होगा ।”
कार्यक्रम में डॉ. रजनी शर्मा ने अपने सम्बोधन में कहा कि नारी को अपनी शक्ति पहचान कर अपने घर से ही सशक्त होने की ओर कदम बढाना होगा । इस अवसर पर उन्होंने काव्य पाठ भी किया। नगर की प्रसिद्ध समाजसेवी और शिक्षिका आशा रजा ने कहा कि महिला सृष्टि की जननी है । समाज के विकास में उसकी बराबर की भागीदारी है । ऐसे में महिलाओं के लिये एक ही दिन क्यों? उन्होंने कहा कि महिलाओं को प्रतिदिन सम्मान मिलना चाहिये । महिलाओं को स्वयं के प्रति चिन्तित होना होगा और दहेज जैसी विकृतियों से उसे बचना चाहिये । चण्डीगढ़ से ड़ॉ प्रीत अरोड़ा ने मोबाइल पर वक्तव्य देते हुए कहा कि समाज में नारी दो रूपों में देखी जाती है एक शोषित के रूप में दूसरे सशक्त के रूप में । सशक्त महिलाओं को चाहिये कि वो निर्बल महिलाओं की सहायता करें और उन्हें उनके अधिकार दिलायें । नगर की चिरपरिचित और प्रसिद्ध समाजसेवी महिला माला कौशिक ने कहा कि हमें एकजुट होकर समाज के लिये कार्य करना चाहिये। पुरुष को दोष न देते हुए हमें अपनी सीमाओं का ध्यान रखते हुए ही सशक्त होना होगा। पुरुष के बिना नारी सशक्तीकरण सम्भव नहीं है । दूसरी बात यह कि फैशन के नाम पर जो हो रहा है ,वह किसी भी नारी के लिये शर्म की बात है । इन्दु त्यागी ने कहा कि नारी को सशक्त होने के लिये अपने घर से ही पहल करनी होगी ।
श्रेया पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्या रेणु शर्मा ने महिलाओं से आत्ममंथन करने की बात करते हुए कहा कि हमें अपने कर्तव्यों और अधिकारों के प्रति जागरुक होना ही होगा । सिल्चर, आसाम से ड़ॉ शुभदा पाण्डेय ने मोबाइल पर सम्बोधित करते हुए कहा कि महिलाओं को अपनी स्वतंत्रता पर चिन्तन करते हुए सोचना चाहिये कि वो स्वतंत्रता के नाम पर सोच क्या रही हैं और जा कहां रही हैं? महिला अस्मिता की रक्षा उन्हें स्वयं ही करनी होगी । नगरपालिका सभासद सुनीता प्रजापती ने नारी से अपने अधिकारों के प्रति जाग्रत होने की अपील की । महिला चिन्तक और राजनीतिज्ञ सुमन वर्मा ने कहा कि हम स्वयं ही अपनी दुर्दशा के लिये जिम्मेदार हैं । भोपाल, मध्यप्रदेश से धरा निखिल दवे ने मोबाईल पर वक्तव्य में कहा कि आज नारी बहुत आगे जा रही है । जो लोग यह सोचते हैं कि नारी अबला है ,उन्हें इस धोखे से बाहर आ जाना चाहिये । समाजसेवी एवं चिन्तक इन्द्राणी गोयल ने कहा कि हमारे इतिहास में नारी की शक्ति के अनेकों उदाहरण भरे हुए हैं। हमें अपनी सीमाओं में रहकर विकास करना चाहिये। हमें अहद कर लेनी चाहिये कि हम भ्रूण हत्या नहीं होने देंगी और हमें किसी भी कीमत पर कन्या हत्या में सहभागी नहीं होना है । पूर्व राज्यमंत्री शशिबाला राजपूत ने अपने वक्तव्य में कहा कि महिलाओं को अभी और आगे निकलना है । हमें प्रेरणा बनकर काम करना है। नारी शक्ति सदा से ही पहचानी गयी है, हमें भी शक्ति बनना है । सपा नेत्री और समाजसेवी महिला आयशा सिद्दीकि ने कहा कि हमें घरों को टूटने से बचाना है । हमें समाज में एकरूपता लाने के लिये पुरुष के साथ कन्धे से कन्धा मिलाकर काम करना चाहिये। इस अवसर पर प्रसिद्ध लेखक के.एस.तूफान ने भी अपनी तूफानी अन्दाज में सम्बोधन किया । कार्यक्रम के समापन की घोषणा करते हुए प्रसिद्ध साहित्यकार भोलानाथ त्यागी ने सभी का आभार व्यक्त किया ।
इस अवसर पर अमन त्यागी, भूपेन्द्र सिंह, दीपक वालिया, सुनील शर्मा समीर, विजेन्द्र सिंह, करूण कुमार पाल, नैपाल सिंह, अजय शर्मा मंजू त्यागी, रशिम त्यागी, अक्षि त्यागी आदि ने कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग किया।

रिपोर्ट – डॉ. प्रीत अरोड़ा

1 comment:

  1. सशक्त महिलाओं को चाहिये कि वो निर्बल महिलाओं की सहायता करें और उन्हें उनके अधिकार दिलायें ...sahi kaha preeti ji. achchhi report badhai

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