Tuesday, 22 May 2012

तुम हो मेरे लिये कुछ खास










तुम हो मेरे लिए कुछ खास
ये है मेरा विश्वास
तुम हो एक सुखद एहसास
मन के कुछ आसपास
तुम हो मेरा मान अभिमान
तुम पर हो जाऊँ कुर्बान
तुम मेरी आँखों के नूर
कभी न जाना मुझसे दूर
तुम मेरे पौधों के माली
सदा करते रहना रखवाली
तुम हो मेरे जीवनदाता
तुम हो मेरे भाग्य विधाता
जन्म-जन्म का साथ हमारा
कभी न छूटे साथ तुम्हारा
अगर कहीं हो जाए भूल
माफ कर देना मुझे हजूर
तुम मेरे दीपक मैं तेरी दिवाली
जीवन में सदा रहे खुशहाली

ड़ा प्रीत अरोड़ा

4 comments:

  1. बहुत ही गहरे और सुन्दर भावो को रचना में सजाया है आपने.....

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  2. भावमय करते शब्‍दों का संगम ...

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  3. बहुत सुन्दर भावमय रचना ... सादगी भरी...

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  4. Bahut hi bhavpoorn rachana

    तुम मेरे दीपक मैं तेरी दिवाली
    जीवन में सदा रहे खुशहाली

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